हर देश उड़ रहा है हम पैदल ही चल रहे है “निर्भया रेप कांड को समर्पित” अमिता भट्ट द्वारा लिखी कविता
बस आज कल में आजकल यू दिन निकल रहे है
हर देश उड़ रहा है हम पैदल ही चल रहे है
हम देश की है बेटिया या जेल के है कैदी
जीते है न ही मरते ये जिन्दगी है कैसी
माँ कह रही हमसे आँखों से न हो ओझल
जाना ही है जरुरी तो ओढ़ ले ये आंचल
कही रोई है दामिनी या रोई निर्भया है
सब देखते तमाशा आती नहीं हया है
हम सबकी चुप्पियो में ही ये जुल्म पल रहे है
हर देश उड़ रहा है हम पैदल ही चल रहे है
सरकार की भी चौखट पर माँ जो गिदगिड़ाई
इंसाफ के लिए जज के पास भी हो आयी
कई बार कह चुके है इस दिन सजा मिलेगी
इंसाफ अब मिलेगा उनकी चिता जलेगी
जज की कलम से फिर भी ये दिन बदल रहे है
बस आज कल में आज कल यू दिन निकल रहे है
हर देश उड़ रहा है हम पैदल ही चल रहे है
धन्यवाद.
Written By – Amita Bhatt
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dhyanwad aapka is artical ko likhane ke liye